हवाई और समुद्री यात्राओं के दौरान भी होगी मोबाइल पर बातचीत, टेलीकॉम विभाग लगाएगा सैटेलाइट नेटवर्क
दूरसंचार विभाग दूरसंचार सेवाओं के लिए ‘निचली सैटेलाइट कक्षा (LEO) तथा मध्यम कक्षा (MEO) सैटेलाइट लगाने पर काम कर रहा है. इसका पूरा खर्च दूरसंचार मंत्रालय उठाएगा.
हवाई और समुद्री यात्राओं के दौरान भी होगी मोबाइल पर बातचीत
हवाई और समुद्री यात्राओं के दौरान भी होगी मोबाइल पर बातचीत
टेलीकॉम विभाग देशभर में संचार सेवाओं के लिए सैटेलाइट का नेटवर्क लगाने के लिए अंतरिक्ष विभाग के साथ बातचीत कर रहा है. आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. सूत्र ने कहा कि दूरसंचार विभाग दूरसंचार सेवाओं के लिए ‘निचली सैटेलाइट कक्षा (LEO) तथा मध्यम कक्षा (MEO) सैटेलाइट लगाने पर काम कर रहा है. इसका पूरा खर्च दूरसंचार मंत्रालय उठाएगा. इस बारे में अंतरिक्ष विभाग के साथ बातचीत पहले ही शुरू कर दी गई है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज की तारीख तक 35 संचार सैटेलाइट छोड़े हैं. इनमें से चार सैटेलाइट जीसैट 6ए, जीसैट 29, जीसैट 11 और जीसैट 7ए 2018 में छोड़े गए हैं. ये सैटेलाइट चुनिंदा तरीके से विभिन्न संस्थानों और व्यापारिक संगठनों को संपर्क उपलब्ध कराते हैं. इनकी सेवाओं का इस्तेमाल सैटेलाइट फोन संपर्क, द्वीप तथा पहाड़ी इलाकों में मोबाइल सेवाओं तथा वीसैट सेवाओं के लिए भी किया जाता है.
सभी जीसैट सैटेलाइट ‘जियो स्टेशनरी (जीईओ) सैटेलाइट हैं जो कि 36,000 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं. इससे संकेतों के पारेषण और उनकी प्राप्ति में कुछ समय का अंतर आता है. अधिकारी ने कहा कि सैटेलाइट पर क्षमता का इस्तेमाल दूरसंचार आपरेटरों द्वारा विभिन्न प्रकार की सेवाओं विशेषरूप से दूरदराज के इलाकों में सेवाओं के लिए किया जा सकता है.
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अधिकारी ने कहा कि देशभर में शत-प्रतिशत ‘कनेक्टिविटी’ की योजना है. प्रस्तावित सैटेलाइट का स्वामित्व दूरसंचार विभाग के पास होगा और बैंडविड्थ दरें नीचे आएंगी. टेलीकॉम ऑपरेटर इनका इस्तेमाल विमानों में उड़ान के दौरान तथा समुद्र में जहाज की यात्रा के दौरान मोबाइल सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए भी कर सकते हैं. शुरुआत में हमारा मुख्य ध्यान ग्रामीण इलाकों में शतप्रतिशत कवरेज पर है.
08:26 PM IST